भजन नो २
'' मेरा आधार ''
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....
आँख खुले जब सुबह मेरी तो देखूं तेरी तस्वीर को
कलम हाथ में तेरे है ,तूँ लिख मेरी तकदीर को
सुन्दर सुन्दर लेख तूँ लिखना ,तूँ मेरा संसार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....(१)
डूबी रहूँ तेरे प्यार में ऐसे ,कुछ भी मुझको भाये न
'' मेरा आधार ''
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....
आँख खुले जब सुबह मेरी तो देखूं तेरी तस्वीर को
कलम हाथ में तेरे है ,तूँ लिख मेरी तकदीर को
सुन्दर सुन्दर लेख तूँ लिखना ,तूँ मेरा संसार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....(१)
डूबी रहूँ तेरे प्यार में ऐसे ,कुछ भी मुझको भाये न
चारों तरफ तेरी मूरत ,दुनिया नज़र मुझे आये न
तूँ ही है साकार मेरा ''रब '' और तूँ ही निराकार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है......(२)
बेखबर रहती है दासी ,अपनों में भी अनजान है
सेवा सिमरन क्या होता है,न इसकी कोई पहचान है
मस्त रहूँ अपनी दुनिया में ,मस्ती बेशुमार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है....(३)
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....
तूँ ही है साकार मेरा ''रब '' और तूँ ही निराकार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है......(२)
बेखबर रहती है दासी ,अपनों में भी अनजान है
सेवा सिमरन क्या होता है,न इसकी कोई पहचान है
मस्त रहूँ अपनी दुनिया में ,मस्ती बेशुमार है
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है....(३)
मेरा तो आधार मेरे सतगुरु जी का प्यार है
न मिले तो सच्ची कहूँ ,मेरा जीना दुश्वार है ....