इस ब्लॉग में मैं अपनी माँ द्वारा रचित भजनों से आप सब को रूबरू करवाना चाहती हूँ !उनका एक एक भजन उनके ईश्वर प्रेम का साक्षी है !माँ ,हमारे गुरु जी को ही ब्रह्मा और ईश्वर का स्वरुप मानती हैं !उनका ''ॐ 'शब्द भी गुरु जी का प्रतिरूप है !उन्होंने अपने दिल से जो भी लिखा ,रचा वो मात्र शब्द नहीं हैं बल्कि अपने गुरुओं के प्रति समर्पित श्रद्धा और विश्वास के फूल हैं !इसी प्रेम,श्रद्धा और विश्वास को उन्होंने अपने भजनों द्वारा व्यक्त किया है !उन प्रेम रुपी सुगन्धित फूलों की भजन माला में जड़ित कुछ कलियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत करना ही मेरा अपनी माँ के प्रति प्यार और सम्मान का उदगार है |

Monday 5 November 2012

भजन ... तेरा दर्शन

     तेरा दर्शन
  
तेरा दर्शन चैन हमारा
तेरा द्वारा सब से प्यारा 
आओ भगवन राह देखें तेरी ....!
 
खुशियाँ मिलती दर तेरे से
शान तेरी है निराली
बिगड़ी बनाता है तू सबकी
ये बात मैंने अज़माली 
तेरा दर्शन तेरी बातें
याद मुझे मेरी फरियादें...
आओ भगवन राह देखें तेरी
पूजा करे शाम सुबह तेरी

तेरा दर्शन चैन हमारा
तेरा द्वारा सब से प्यारा. ..(१)
    
दूर से तेरा दर्शन करके
बंद आँखें हो जाएँ
सिमटके  सारी दुनिया भगवन
चरण तेरे  बन  जाएँ

मान भी तू अभिमान भी तू
मेरी तो साहिब शान है तू.......
आओ  भगवन राह देखे तेरी
पूजा करे शाम सुबह तेरी

तेरा दर्शन चैन हमारा
तेरा द्वारा सब से प्यारा....(२)

बातें करते लोग हैं तुझसे
बैठ के चरणों में तेरे
मेरी तो सुध बुध खो जाए
देखूं चरण जो तेरे
प्यार भी अपना विचार भी अपना
मेरे लिए तू सुन्दर सपना
आओ भगवन राह देखे तेरी
पूजा करे शाम सुबह तेरी

तेरा दर्शन चैन हमारा
तेरा द्वारा सब से प्यारा....(३)

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